काेराेना संक्रमण अब शहर में जानलेवा हाे गया है। एमडीएम अस्पताल में 18 घंटे में दाे मरीजों ने दम ताेड़ दिया। एक 75 वर्षीय बुजुर्ग थे, जिन्होंने बुधवार रात 12.30 बजे इलाज के दौरान दम ताेड़ दिया था ताे दूसरे 60 वर्षीय बुजुर्ग की गुरुवार शाम 6.30 बजे एमडीएम की काेराेना ओपीडी में पहुंचते ही मौत हो गई। दाेनाें मरीज काे संदिग्ध मानकर सैंपल लिए गए, जिनमें से पहले मरीज का सैंपल गुरुवार सुबह पॉजिटिव निकला।
एमडीएमएच के डॉक्टरों ने उन्हें हार्ट का पेशेंट मान बुधवार सुबह भर्ती नहीं किया था। शाम को सांस लेने में ज्यादा तकलीफ हाेने पर पड़ाेसी अस्पताल लेकर पहुंचे थे। अब टीम जहां परिवार और मोहल्ले वालाें की एमडीएम ले जाकर जांच कर रही है, वहीं 24 डाॅक्टर, नर्सिंगकर्मी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी संदिग्ध की श्रेणी में आ गए। सभी की सैंपलिंग की जा रही है। दूसरे मरीज उदय मंदिर निवासी हैं। ये सुबह एमजीएच अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टरों ने ना भर्ती किया और ना ही एमडीएमएच रेफर किया। हालांकि इसकी काेई पुष्टि नहीं कर रहा है। शाम काे 108 एंबुलेंस बुजुर्ग काे एमडीएम लेकर पहुंचती है, जहां उनकी माैत हाे जाती है। अस्पताल प्रशासन ने संदिग्ध मान सैंपल लिया है। रिपाेर्ट शुक्रवार को आएगी। वहीं गुरुवार काे दाे और पॉजिटिव मरीज मिले। इनमें से एक वह डॉक्टर हैं, जाे शहर में सर्वे और डिस्पेंसरी में इलाज भी कर रहे थे। गुरुवार देर रात कलेक्टर ने सभी विभागों की मीटिंग ली।
प्रदेश में कुल 463 रोगी, 8 मौतें हो चुकीं
प्रदेश में गुरुवार को काेराेना के एक ही दिन में रिकाॅर्ड 80 नए मरीज मिले। दो बुजुर्गों की मौत भी हुई। अब प्रदेश में कुल 463 मरीज हाे गए हैं, जबकि 8 माैतें हाे चुकी हैं। गुरुवार को जयपुर के रामगंज में 65 साल की महिला तथा जाेधपुर में 75 वर्षीय वृद्ध ने दम तोड़ा। नए 80 राेगियाें में सबसे ज्यादा 39 रोगी जयपुर में मिले हैं। इनमें से 12 रामगंज इलाके से हैं। इसके अलावा झुंझुनूं, टाेंक व झालावाड़ में 7-7, जैसलमेर में 11 (इनमें 6 ईरान से लाए हुए लोगों में से), जोधपुर में 3, बांसवाड़ा व कोटा में 2-2, भीलवाड़ा और बाड़मेर में एक-एक रोगी मिला। बाड़मेर में पहली बार कोरोना का कोई रोगी मिला है। इसी के साथ अब प्रदेश के 33 में से 24 जिलों तक कोरोना पहुंच गया है। इस बीच, राहत की खबर यह है कि भीलवाड़ा में एक दिन पहले तक के सभी 25 पाॅजीटिव रोगी ठीक हाे चुके हैं।
कोरोना से मौत के बाद ऐसे अंतिम संस्कार-ना परिजन, ना अर्थी, ना कांधा
शहर में कोरोना से हुई पहली मौत में परिवार और रिश्तेदार भी शामिल नहीं हो सके। प्रतापनगर के रहने वाले वृद्ध लालचंद का एक बेटा पुणे और दूसरा स्पेन में रहता है, जबकि बेटी मुंबई में हैं। जो नजदीकी रिश्तेदार अंतिम संस्कार के लिए एमडीएम पहुंचे, उन्हें प्रशासन ने किसी भी तरह की रस्म निभाने से मना कर दिया। शव को ना नहलाया गया ना अर्थी बनी और न किसी ने कांधा दिया। शव को दाेपहर साढ़े तीन बजे एंबुलेंस से सीधे ओसवाल समाज के मोक्षधाम ले जाया गया, जहां इलेक्ट्रिकल मशीन में दाह संस्कार किया गया। प्रशासन अभी अस्थियां लेने की परमिशन भी नहीं देगा। अंतिम संस्कार में निगम के मुख्य सफाई निरीक्षक महेश चांवरिया सहित सात लोग और पुलिस के कुछ लोग शामिल थे। सभी ने एहतियात के लिए पीपीई कीट पहन रखा था। बाद में पूरे श्मशान को सैनिटाइजर किया गया।